पढ़ाई में मन लगाने का आसान तरीका
लोग कहते हैं कि सुबह का समय पढने के लिए सबसे अच्छा होता है। पर हकीकत तो यह है कि हर वक्त सुबह हो या शाम अगर मन में लगन हो तो कभी भी पढा जा सकता है।
जो आदमी मन के साथ जीता है वो कमजोर होता है और जो संकल्प के साथ जीता है वह बलवान होता है। ये मन आवारा होता है। पढ़ने बैठेंगे तो टेबल पर रखी हुई दस चीजों की तरफ मन आपका ध्यान भटकाएगा।
मोबाइल कभी खुद नहीं कहता कि मुझे चलाओ। आपका मन कहता है कि मोबाइल चलाओ। इसीलिए अगर आपने आवारा मन को कंट्रोल करना है तो मेरी इस बात को ध्यान से सुनिएगा। आपके बडे काम आएगी
पढ़ाई के लिए मोटिवेशन
• छोटे छोटे संकल्प लेना सीखो। सोचो कि आज मैं एक घंटे मोबाइल को हाथ नहीं लगाऊंगा।
जब पढ़ने बैठो, छोटा सा संकल्प लो कि पंद्रह मिनट तक अपनी नजर किताब से नहीं हटाऊंगा। चाहे कुछ हो जाए|
• धीरे धीरे ऐसे कामों की प्रैक्टिस करो। जब आप छोटे छोटे संकल्पों को पूरा कर पाओगे तब आपका आत्मविश्वास बढेगा। आपको यकीन हो जाएगा कि मैं ये काम कर सकता हूँ। मैं दुनिया का कोई भी काम कर सकता हूँ और आप ये सोच आपके मन की आवारा गर्दी को खत्म कर देगी।
• कब तक उन चीजों को अपनी जिंदगी से हटाते रहोगे जो आपका ध्यान भटकाती हैं। बेहतर तो यह है कि अपने मन को इतना मजबूत बनाओ, कोई चीज तुम्हारा ध्यान भटका ही ना पाए। वो कहते हैं ना सड़क से कंकड़ हटाने की जगह पैरों में जूता पहन लेना ज्यादा बेहतर होता है। किसी ने क्या खूब कहा है मौत तो सबको आती है पर जीना हर किसी को नहीं आता। देखो अभी तुम्हारे पास मौका है अपनी लाइफ बनाने का और ये मौका आने वाले समय में तुम्हारे पास नहीं रहेगा और अगर तुमको अभी भी पढाई बोरिंग लगती है इसका मतलब ये है कि तुम को आज तक पता ही नहीं चल पाया कि तुम पढ़ क्यों रहे हो?
• पढाई बोरिंग होती है। सच बात है बिल्कुल बोरिंग होती है, इसमें ना कोई मजा और ना कोई Entertainment | कुछ भी नहीं लेकिन सोना भी तो बोरिंग होता है। इसमें कौन सा एंटरटेन्मेंट या कौन सा मजा होता है। खाना खाना भी बोरिंग होता है लेकिन जब नींद आती है तो सोना पड़ता है, भूख लगती है तो खाना पडता है। तब इंटरटेनमेंट और मजा ये सारी बातें मायने नहीं रखते क्योंकि इन की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो सोने की जरूरत है तो खाने की। ठीक वैसे ही पढाई जरूरी है।
मायने नहीं रखता। ये बोरिंग है, यह मजेदार है।
• ये जरूरी है क्योंकि अगर तुमने अभी अपना भविष्य बना लिया तो शायद तुम्हारे अपने मन के काम कर पाओगे।
लेकिन अगर मजे के चक्कर में बोरियत के चक्कर में अभी तुम ने कुछ नहीं किया तो जिंदगी भर तुम्हें वो काम करने पडेंगे ये तुम्हारे मन के नहीं होंगे। किसी ऐसे आदमी के नीचे काम करना पडेगा जिससे तुम पसंद नहीं करते हो,उस की डांट खानी पडेगी। शायद उसका नौकर भी बनना पडेगा।
तब कैसा लगेगा?
• जरा सोचो कैसा लगेगा जब तुम्हारे आत्मसम्मान को कोई अपने जूतों से रोंद देगा। कैसा लगेगा जब तुम्हारे बच्चे के पास खेलने के लिए अच्छे खिलौने नहीं होंगे। कैसा लगेगा जब लोग तुम्हें और तुम्हारे परिवार को इज्जत नहीं देंगे भविष्य में दो कौडी की जिंदगी जी लेना |
इसलिए सोच समझकर अपनी जिंदगी का अभी सही फैसला कर लेना?
हो सकता है ये सारी बातें आपको बुरी लग जाए लेकिन मीठी बातें करना मेरा काम नहीं।
अगर मेरे कड़वे वचनों से आपकी जिंदगी सही रास्ते पर आ जाती है तो इससे अच्छी कोई बात नहीं होगी।
वक्त है समझ जाओ नहीं तो आने वाला वक्त समझा ही देगा।
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